बरसात के बाद केदारनाथ में कुण्डों का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उसके बाद भगवान केदारनाथ का अभिषेक पूर्व की भांति अमृत कुंड (अग्निकुंड) के जल से हो सकेगा। पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा में केदारनाथ स्थित अग्नि कुंड , हंस कुंड, उद्त कुंड और रेतस कुंड दब गए थे। इन सभी कुंडों का पुनर्निर्माण बरसात समाप्त होते ही शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल को भी इस बारे में बताया गया था तो उन्होंने जल्द इन कुंडों के पुर्ननिर्माण की मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 की वजह से अभी यह काम शुरू नहीं हो पाया लेकिन अब बरसात के बाद काम को शुरू किया जाएगा। महाराज ने यह भी बताया कि देहरादून आईएचएम को भी सेंट्रलाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री से अनुरोध किया गया है कि महाभारत सर्किट को प्रसाद योजना में शामिल किया जाए।
महाराज ने बताया कि लाखामंडल से लेकर केदारनाथ तक के क्षेत्र को महाभारत सर्किट में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि यदि सर्किट निर्माण के लिए धनराशि मिलती है तो वह मोटर कैरावान (टायरों के ऊपर चलता-फिरता कैम्प) के माध्यम से पर्यटकों को पूरा सर्किट घुमाने का इंतजाम कर सकते हैं।