राज्य सरकार प्रदेश के सुविधायुक्त छोटे अस्पतालों को भी कोरोना का इलाज करने की मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इस संदर्भ में आईएमए के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में विचार-विमर्श किया गया।
बुधवार देर रात हुई बैठक में आईएमए के पदाधिकारियों ने निजी अस्पतालों को सुविधा व ट्रेनिंग देने की मांग की। इस दौरान सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि कोरोना से निपटने में निजी अस्पतालों की अहम भूमिका है और सरकार उनके साथ मिलकर इस महामारी से निपटेगी।
उन्होंने कहा, राज्य में अभी संक्रमण कम है इसलिए बड़े अस्पतालों को कोरोना इलाज की इजाजत दी गई है। यदि संक्रमण बढ़ता है तो सुविधायुक्त छोटे अस्पतालों को भी इलाज की इजाजत दी जाएगी।
उन्होंने एनएबीएच श्रेणी के प्राइवेट अस्पतालों से अनुरोध किया कि वे कोरोना मरीजों को भर्ती कर उन्हें इलाज दें। बैठक में आईएमए के प्रदेश महासचिव डीडी चौधरी समेत अन्य कई डॉक्टर मौजूद रहे।
मैदानी जिलों में 78 प्रतिशत मरीज
राज्य के मैदानी जिलों में संक्रमण खासी तेजी से फैल रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में अभी कुल कोरोना मरीजों में से 78 प्रतिशत अकेले चार मैदानी जिलों में हैं। जबकि शेष मरीज पर्वतीय जिलों के हैं। हालांकि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भी अब कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और इससे आने वाले दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।